JiSki nazron mein hum nhi ache…..
Kuch toh woh app bhi bUre honge…
मोहब्बत में हमेशा अपने आप को बादशाह समझा हमने मगर एहसास तब हुआ जब किसी को माँगा फकीरों की तरह
जो बिना ठोकर खाए मजिँल तक पहुच जाते है उनके हाथ अनुभव से खाली रह जाते है
नाराज़गी बहुत है हम दोनों के दरमियान … वो गलत कहता है कि कोई रिश्ता नहीं रहा
Tu ek bhi baar humse mili nahi warna, Tere hi dil ko tere hi khilaaf kar dete..!!
राहों का ख़याल है मुझे.. मंज़िल का हिसाब नहीं रखती। अल्फ़ाज़ दिल से निकलते है.. मैं कोई किताब नहीं रखती।।
तू याद रख, या ना रख… तू याद है, ये याद रख…
ऐसा तो नहीं कि ये ज़िन्दगी हमको प्यारी नहीं,. वो अलग बात है कि तुम्हारे बिना ये हमारी नहीं….
मैं सिर्फ तेरा साथ निभाने के लिए जिंदा हूं सांसे रुक गई हैं धडकने सुनाने के लिए जिंदा हूं
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