JiSki nazron mein hum nhi ache…..
Kuch toh woh app bhi bUre honge…
हम क्यों ग़म करें गर वो हमें ना मिले.. अरे ! ग़म तो वो करें जिसे हम ना मिले…
यकीन मानो रिश्ता तोड़कर एक बार रोना….. रिश्तें में रहकर रोज रोज रोने से लाख गुना बेहतर होता है….
दुश्मन के सितम का खौफ नहीं हमको, हम तो दोस्तो के रूठ जाने से डरते है !
सुना है तुम ले लेते हो हर बात का बदला ……. आजमाएंगे कभी तुम्हारे लबों को चूम कर
इस नाज़ुक दिल मे किसी के लिये इतनी मोहब्बत है, हर रात जब तक आँख भीग ना जाये नींद नही Continue Reading..
जैसे जैसे उम्र गुजरती है एहसास होने लगता है कि माँ बाप हर चीज़ के बारे में सही कहते थे
~ Marham Na Sahii Ek Zakham Hii Dedo, Mehsoos Toh Ho Ke Bhule Nahii Ho Tum .. ‘
लोग तो वही रहते है बस वक्त के साथ उनका बर्ताव बदल जाता है
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