काश में लौट जाओ बचपन की वादियो में जहाँ कोई न जरूरत थी और ना कोई जरुली था
लाख दिये जलाले अपनी गली मे.. मगर रोशनी तो हमारे आने से ही होगी.
तुम्हारा जिक्र ,तुम्हारी फिक्र, तुम्हारा एहसास… तुम खुदा नहीं फिर, हर जगह मौजूद क्यों हो
जैसे जैसे उम्र गुजरती है एहसास होने लगता है कि माँ बाप हर चीज़ के बारे में सही कहते थे
~Sochti Hun Kabhi Utar Keh Daikhun Us Keh Dil Mein, Kon Basa Hai Us Mein Jo Mujhe Basne Nahii Deta Continue Reading..
“क्या लिखूँ अपनी जिंदगी के बारे में दोस्तो, वो लोग ही बिछड़ गए जो जिंदगी हुआ करते थे !!”
~Woh Ek Shakhs Zindagi Jaisa, Aur Woh Hii Merii Zindagi Mein Nahi ..’
मालूम नहीं मुझे मेरी फितरत में क्या है ‘ ये तो वो दिन बताएगा जब मेरे जाने की खभर आएगी.
Nafrat Naa karna Mujhse Burra lagge ga.. Bss pyar Se keh Dena Teri Jaroorat Nai Hai.
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