हमने कहाँ आज कुछ मीठा बनाओ उन्होंने ऊगली अपने होठो पर रख दी !
सबर कर बन्दे मुसीबत के दिन भी गुज़र जायेंगे, हसी उड़ाने वालो के भी चेहरे उतर जायेंगे…
वो भी आधी रात को निकलता है और मैं भी, फिर क्यों उसे “चाँद” और मुझे “आवारा” कहते हैं
सुनो ये मेरा दिल तुम ही रख लो ना, मेरे पास वैसे भी परेशान रहता है !!
~Sard Mausam Meiin Bohat Yaad Aatey Haii, Dhund Meiin Lipte Huye Waade Unke .. ‘
Meherbani na sahi ek zakhm hi de de, Mehsus to ho koi mujhe bhula nai ab tak
अगर मेरी माँ और उसकी होने वाली बहू मेरे साथ है, तो इस कमबख्त दुनिया की मेरे सामने क्या औकात Continue Reading..
बड़ी अजीब सी मोहब्बत थी तुम्हारी, पहले पागल किया, फिर पागल कहा, फिर पागल समझ कर छोड़ दिया.
बात तो सिर्फ जज़्बातों की है वरना, मोहब्बत तो सात फेरों के बाद भी नहीं होती.
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