Gham_e_khas perr kabhi chup rhy … Kabhi rO diy gham_e_aam per …!!!
जो बिना ठोकर खाए मजिँल तक पहुच जाते है उनके हाथ अनुभव से खाली रह जाते है
वो रूठ्कर बोला तुम्हे सारी शिकायते हमसे ही क्यू हैं … हमने भी सर झुकाकर बोल दिया की हमे सारी Continue Reading..
पानी फेर दो इन पन्नों पे, ताकी धुल जाये स्याही सारी.. जिन्दगी फिर से लिखने का मन होता है कभी-कभी..!!
-Guzarr Geya Aj Ka Din Bhii Yoon’Hii Be’Wajah Naah Mujhe Fursat Milii Naah Usee Khayal Aaya .. ‘
हम सादगी में झुक क्या गए , तुमने तो हमे गिरा हुआ ही समझ लिया
कुछ लड़कियां बहुत प्यारी होती हैं, उसमें भी चश्मिश औऱ मुस्कुराती हुई , गजब ढा देंती हैं
सौदा कुछ ऐसा किया है तेरे ख़्वाबों ने मेरी नींदों से…. या तो दोनों आते हैं …. या कोई नहीं Continue Reading..
Someone asked me, How’s life….? I just smiled and replied, She’s fine
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