खुदा कि बंदगी कुछ अधुरी रह गयी, तभी तेरे मेरे बीच ये दूरी रह गयी.
~Lutf’E-Muoohabbat Aur Bhe Barha Detii Haiin, Bohat Anmol Hotii Hain Raatein -December- Ki .. ‘
तेरी तलाश में निकलु भी तो क्या फायदा, तु बदल गया हैं ,खोया नही हैं ।
देख तेरी आँखे भी कमाल करती हैं, मुझ से पर्सनल_पर्सनल सवाल करती हैं..!
तकदीर इतनी भी बुरी नहीं थी, पर कुछ रिश्तों ने नरक बना दी जिंदगी को
जो भी आता हे समजा के चला जाता हे………. पर कोई समझने वाला नही मिलता
Tumhain tarteeb dy raha hon main, Mery andar bikhar gaye ho tum…!!!
इतना सितम से पहले सोचा भी नहीं उसने, मैं सिर्फ दीवाना नहीं.. इंसान भी था
Tum LOat ky Ane kya TakaLuf Maat kernA.. . M@h¡. . Hum ek Muhabbt dubrA Nae kertay..
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