-Kya Itne Door Nikal Aaye Hai Hum, Ke Tere Khayalo Me Bhi Nahi Aatey .. ‘
Nigahon Mein Doosra Koi Aaa Hi Na Paya, Bharosa Hi Kuch Aisa Tha – Tere Lout aane Ka..
मै नही जानता मै क्यो लिखता हूँ, बस ये खाली कागज मुझसे देखे नही जाते
तुम्हारे दिल में कैद हैं हमारी धड़कनें.. धड़कते रहना वरना मर जाएंगे हम.. !
वक्त निकाल कर अपनों से मिल लिया करो, अगर अपने ही ना होंगे तो, क्या करोगे वक्त का ???
तकदीर इतनी भी बुरी नहीं थी, पर कुछ रिश्तों ने नरक बना दी जिंदगी को
सोच रहा हूँ कुछ ऐसा लिखू की वो पढ़ के रोये भी ना और रातभर सोये भी ना..|• manjeet kherki….
उम्र कैद की तरह होते हे कुछ रिश्ते ,, जहा जमानत देकर भी रिहाई मुमकिन नही!!
मुझे अपने दर्द की परवाह नही भगवान करे तू हमेसा खुश रहे
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