शब्द “दिल” से निकलते हैं… “दिमाग”से तो उसके मतलब निकलते हैं…
ना सलाम याद रखना ना पैगाम याद रखना। छोटी सी तमन्ना है ऐ दोस्त मेरा नाम याद रखना।
अब हर कोई हमें आपका आशिक़ कह के बुलाता है इश्क़ नहीं न सही मुझे मेरा वजूद तो वापिस कीजिए Continue Reading..
भूख तो एक रोटी से भी मिट जाती माँ, अगर थाली की वो एक रोटी तेरे हाथ की होती
मुझे मालूम था कि वो रास्ते कभी मेरी मंजिल तक नहीं जाते थे .. फिर भीमैं चलता रहा क्यूँ कि Continue Reading..
~Khyaal’E-Yaar Meiin Mujko Yoon’Hii Madhosh Rehne Do, Na Pucho Raat Ka Qiisa Mujhe Khamosh Rehne Do .. ‘
एक कोशिश है कि कोई दिल के ज़ख्म ना देख ले , एक ख्वाइश है कि काश ! कोई देखने Continue Reading..
Auron se to pyaar ka rishta bhi nahi tha.. Tum itne badal jaoge socha bi nai tha…?
आप कब सही थे। इसे कोई याद नही रखता। लेकिन आप कब गलत थे इसे सब याद रखते है।…
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