Dard Ho Dil Mein To Dawa Kijiye. Dil Hi Jab Dard Ho To Kyaa Kijiye.
बड़ी अजीब सी मोहब्बत थी तुम्हारी, पहले पागल किया, फिर पागल कहा, फिर पागल समझ कर छोड़ दिया.
सादगी अगर हो लफ्जो मे, यकीन मानो, प्यार बेपनाह,और दोस्त बेमिसाल मिल ही जाते हैं !!
क्यों याद करेगा कोई बेवजह मुझे ऐ खुदा , लोग तो बेवजह तुम्हे भी याद नहीं करते !!”
मेरे बारे में अपनी सोच को थोड़ा बदलकर देख मुझसे भी बुरे है लोग तू घर से निकलकर तो देख
बिछड़े थे किस गुरूर से वो भी तो याद कर, आए जो अब आँख में आँसू,फिज़ूल हैं…!!
ए मुसीबत जरा सोच के आन मेरे करीब, कही मेरी माँ की दुवा तेरे लिए मुसीबत ना बन जाये.
बेकसूर कोई नहीं इस ज़माने मे, बस सबके गुनाह पता नहीं चलते.
गिला बनता ही नहीं बेरुखी का, दिल ही तो है, भर गया होगा।
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