गिला बनता ही नहीं बेरुखी का, दिल ही तो है, भर गया होगा।
एक सुखी पति था………….. * * * * * * * * * * जाँच चल रही है किसका था।
Pyar ki raahon mein takraar na karna…….. Zindigi mein pyar baar baar na karna..
दिल टूटा है मेरा और ख्वाब बिखर गये, दर्द मिला इश्क मे इतना कि जख्मो से हम निखर गये
लोग तो वही रहते है बस वक्त के साथ उनका बर्ताव बदल जाता है
नही थी मेरे हाथों में उसे पाने की लकीर चीर दिया पूरा हाथ एक लकीर बनाने के लिए
Bematlab ki duniya ka kissa hi khatm, Ab jis tarah ki duniya us tarah ke hum
खामोशियाँ तेरे मेरे बीच…कितनी सच्ची लगती हैं… लफ्जों के धोखे से कहीं दूर…चुपके से हंसते हैं….
-Akele Hum Hii Shamiil Nahii Haii Is Jurm Meiin ‘Jnaab Nazreiin Jab Milii Thii Muskuray Tum Bhii The .. ‘
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