गिला बनता ही नहीं बेरुखी का, दिल ही तो है, भर गया होगा।
कुछ इस तरह से जिंदगी को आसान कर दिया … किसी को अनफ्रैंड तो किसी को ब्लॉक कर दिया
मोहब्बत है मेरी इसीलिए दूर है मुझसे, अगर जिद होती तो शाम तक बाहों में होती ।
Phiir Jab Meiin Uske Bina Jeenay Lagii, Usey Merii Kamii Mehsoos Honey Lagii ..
मैं भी कभी हँसता, खेलता था….!! कल एक पुरानी तस्वीर में, देखा था खुद को.
Kabhi Waqt Mila To Suljhaon Ga Teri Sabhi Uljhaney, Abhi To Khud Uljha Hua Hun Waqt Ko Suljhane Main
तरस गए हैं तेरे लब से कुछ सुनने को हम…. प्यार की बात न सही कोई शिकायत ही कर दे..
मंजूर थे हमें वक्त के सारे सितम मगर…. तुमसे बिछड़ कर जी लेना ~ सज़ा ज़रा ज्यादा हो गई !
खामोशियाँ तेरे मेरे बीच…कितनी सच्ची लगती हैं… लफ्जों के धोखे से कहीं दूर…चुपके से हंसते हैं….
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