वो रोटी चुरा के चोर हो गया. . . लोग मुल्क खा गए, कानून लिखते लिखते.
कुछ फैसलो का क्या बताये हाल । दूसरो की ख़ुशी की कीमत अपने आंसुओ से चुकानी पड़ती है ।
हर रोज़ दरवाज़े के नीचे से सरक जाती है सारे जहान की खबरें….. एक तेरा ही हाल जानना इतना मुश्किल Continue Reading..
~Izhar’E-Ishq Me Aiisa Hua Kuch Wo, Dil Ka Haqdaar To Hua Lekin Mera Naa Hua .. ‘
गुज़र रहा हूँ तेरे शहर से क्या कहूँ क्या गुज़र रही है.
ऐसा तो नहीं कि ये ज़िन्दगी हमको प्यारी नहीं,. वो अलग बात है कि तुम्हारे बिना ये हमारी नहीं….
Unhone waqt samajh kar guzaar diya humko.. Hum unhe zindagi samjhkar aaj bhi jee rahe hain..
हाथ मे बस एक ‘बासुँरी’ कि कमी है वरना, गोपिया हमने भी कई ‘फसाई’ है..!!
जमाना कहता है रात को नींद अच्छी आती है, मेरी नींदों में तो तेरी यादें ही शोर मचाती है !!
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