वो रोटी चुरा के चोर हो गया. . . लोग मुल्क खा गए, कानून लिखते लिखते.
कल जिनकी खातिर तोड दी थी हमने सारी हदे आज उन्होने ही कह दिया जरा हद मे रहा करो
~Khyaal’E-Yaar Meiin Mujko Yoon’Hii Madhosh Rehne Do, Na Pucho Raat Ka Qiisa Mujhe Khamosh Rehne Do .. ‘
मोहब्बत में हमेशा अपने आप को बादशाह समझा हमने मगर एहसास तब हुआ जब किसी को माँगा फकीरों की तरह
तुम्हारी ज़िद बेमानी है दिल ने हार कब मानी है कर ही लेगा वश में तुम्हें आदत इसकी पुरानी है.
सुना है तुम्हारी एक निगाह से कत्ल होते हैं लोग.. एक नज़र हमको भी देख लो.. ज़िन्दगी अच्छी नहीं लगती..!
~Terey Baad Nazar Aati Nahi Mujhe Ab Koi Manzil, Kisi Aur Ka Ho Jana Ab Merey Bas Mein Hi Nahi Continue Reading..
हर बार हम पर इल्जाम लगा देते हो मोहब्बत का….!! कभी खुद से भी पूछा है इतनी खुबसूरत क्यों हो….!!
तलब करे तो मैं अपनी आँखें भी उन्हें देदू, मगर ये लोग मेरी आँखों के ख्वाब मांगते हैं.
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