ऐ चाँद तू किस मजहब का है . ईद भी तेरी और करवाचौथ भी तेरा
तेवर तो हम वक्त आने पर दिखायेँगेँ.. शहर तुम खरीद लो हूकूमत हम चलायेँगेँ
अब सज़ा दे ही चुके हो तो मेरा हाल ना पूछना, अगर मैं बेगुनाह निकला तो तुम्हे अफ़सोस बहुत होगा…
-Jab Meiin Kuch Bhii Nahii Sochtii Tab Bhii Meiin Tumhe Sochtii Hoon .. ‘
कुछ दस्तकें, नींद तोड़ने आती हैं और कुछ… सिर्फ दिल।
सोचा था आज कुछ तेरे सिवा सोचूँ तब से सोच में हूँ कि और क्या सोचूँ
वो कहते हैं कौनसी दुनियां में जीते हो .. तो हमने कहा मुहब्बत में दुनिया कहा नजर आती हैं
-Tumharii Yeh Aam Sii Baateiin Mujhey Bohat Khas Lagtii Haii .. ‘
दिल से ज्यादा उपजाऊ जगह और कोई नहीं हो सकती ! आप पर निर्भर करता है आप प्यार बोते हैं Continue Reading..
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