ऐ चाँद तू किस मजहब का है . ईद भी तेरी और करवाचौथ भी तेरा
हाथ मे बस एक ‘बासुँरी’ कि कमी है वरना, गोपिया हमने भी कई ‘फसाई’ है..!!
मिट जाते है औरों को मिटाने वाले . लाश कहा रोती है, रोते है जलाने वाले
~Tum Haqeeqat’E-Ishq Ho Yaah Faraib Merii Aankhon Ka, Na Dil Se Niikaltey Ho Na Zindagi Meiin Aatey Ho .. ‘
मुझे फर्क नहीं पता अपनो और गैरो का, हर कोई हँसा है मुझे रोता देखकर
Pehla sver ton shaam tak kise di wait karo Te jisdi wait krde oho 2 mint gall karke fer offline Continue Reading..
क्या बयां करूँ कि लब अब खामोश रहते हैं, जुदा होकर उनसे हम अधूरे से लगते हैं
ख़ुबसूरत था इस क़दर के महसूस ना हुआ,,,,,,,, कैसे कहाँ और कब मेरा बचपन चला गया
” बुंलदी तक पहुंचना चाहता हूँ मै भी, पर गलत राहो से गुजर के जाऊ ” इतनी भी जल्दी नही Continue Reading..
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