मोहब्बत थी, तो चाँद अच्छा था..! उतर गई, तो दाग भी दिखने लगे..
Hum na pa sake tuje muddato se chahne ke baad or Kisi ne apna bana liya tuje chnd rasmein nibhane Continue Reading..
मुंह की बात सुने हर कोई, दिल के दर्द को जाने कौन , आवाज़ों के बाजारों में, ख़ामोशी पहचाने कौन Continue Reading..
नाराज़गी बहुत है हम दोनों के दरमियान … वो गलत कहता है कि कोई रिश्ता नहीं रहा
हम जिस्म को नही रूह को वश मे करने का शोक रखते है
मोहब्बत नाम पाने का ही नहीं है सिर्फ, कभी कभी सबकुछ खोने को भी मोहब्बत कहते है !
इंतेजार भी कितनी अजीब चीज हे ना खुद करे तो, गुस्सा आता है, और.. दूसरा कोई करे तो अच्छा लगता Continue Reading..
Mat puchh kaise guzar rahi hai zindagi, Us daur se guzar rahi hu jo guzarta hi nahi
होने वाले ख़ुद ही अपने हो जाते हैं.. किसी को कहकर, अपना बनाया नही जाता..!!
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