ना हाथ थाम सके ना पकड़ सके दामन, बेहद ही करीब से गुजर कर बिछड़ गया कोई !!
हमारे देश में लोग ट्रैफ़िक सिगनल को नहीं समझते हैं मगर आँखों के इशारे समझने में पी.एच.डी कर रखी है
-Kuch Es Tarah Se Naraaz Haii Woh Humse, Jaiise Unhe Kisii Aur Ne Mna Liiya Ho .. ‘
नफरतें जला रही लोगों को बुरी तरह ….. आग को तो यूँ ही बदनाम कर रहे हैं हम …!
यूँ तो आदत नहीं मुझे मुड़ के देखने की… तुम्हें देखा तो लगा…एक बार और देख लू…
उदास रहता है मोहल्ले मै बारिश का पानी आजकल, सुना है कागज़ की नाव बनानेवाले बड़े हो गए है!
मेरी आँखों की औकात नही की किसी लड़की को घूर सके, याद रहता है खुदा ने एक बहन भी मुझे Continue Reading..
*यहां लोग अपनी गलती नहीं मानते* *किसी को अपना कैसे मानेंगे…
कौन कहता है कि दिल सिर्फ सीने में होता है उसको लिखूँ तो मेरी उंगलियाँ भी धड़कती है..!
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