बेवफाई तो सभी कर लेते है जानेमन ,
तू तो समझदार थी कुछ तो नया करती
अब कहा जरुरत है हाथों मे पत्थर उठाने की, तोडने वाले तो जुबान से ही दिल तोड देते हैं
मैंने सीखे हैं मोहब्बत से मोहब्बत के उसूल सबसे मुश्किल है किसी अपने को अपना रखना ।।
बारिश की बूंदों में झलकती है तेरी तस्वीर, आज फिर भीग बैठे तुझे पाने की चाहत में !!
जो छलक न पाए ‘आँसू’ … उन्हें ‘बेबसी’ समझना … जो छलक जाए, उन्हें मेरी ‘बेसब्री’ समझना ।।
अजीब दस्तूर है मोहब्बत का, रूठ कोई जाता है टूट कोई जाता है..
दुनिया मैं हर कोई एक दूसरे सें जल रहा है..! फिर भी कम्बख़्त इतनी ठण्ड क्यों पड़ रही है..!!
कहता है इबादत करता हूँ पर दिल की जगह जुबा से काम लेता हूँ
यूँ तो आदत नहीं मुझे मुड़ के देखने की… तुम्हें देखा तो लगा…एक बार और देख लू…
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