स्कूल तो बचपन मैं जाते थे अब तो बस ज़िन्दगी सिखाती है
आज दिन में ही रो लिया मैंने……. रात को नींद आ ही जायेगी…??
Ye jo har moor py a milti hain mjhsy Bad nasibi bhi kahen meri diwani to nhi..
सारी उम्र जिस घर को सजाने में गुजार दी , उस घर में मेरे नाम की तख्ती तलक नहीं !
दो हिस्सों में बंट गए है, मेरे दिल के तमाम अरमान… कुछ तुझे पाने निकले, तो कुछ मुझे समझाने निकले….
तू मुझसे मिलने कभी नक़ाबों मे ही आ ! ख़ुद न मुमकिन तो ख़्वाबों मे ही आ !!
तमननाओ की महफिल तो हर कोई सजाता है पर . पुरी उसी की होती जो तकदीर लेकर आता है
एक से टूटा तो दूसरे से जोड़ लेते हैं, आजकल रिश्ते भी वाई फाई के नेटवर्क की तरह हैं.
मेरे दिल की पुकार तेरे दिल तक कभी जाती तो होगी ! रोज नहीं तो कभी न कभी मेरी याद Continue Reading..
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