आज तक कायम है उसके लौट आने की उम्मीद आज तक ठहरी है जिंदगी अपनी जगह
तेरी मुहब्बत की तलब थी तो हाथ फैला दिए वरना, हम तो अपनी ज़िन्दगी के लिए भी दुआ नहीं करते…
je pyr bhi ajeeb h, jo ise jan le…. ye kmbkhat usi ki jaan le leta h….
Hawa jab zard pattO’n kO juda shakhOn se krti hai ___ Mujhe tum se bichar jana bOht hi yad ata Continue Reading..
वक्त निकाल कर अपनों से मिल लिया करो, अगर अपने ही ना होंगे तो, क्या करोगे वक्त का ???
मेरा “मैं” हरपल “हम” में बदलता रहा… और तुम बे-परवाह “तुम” में ही रही…
*फिर उड़ गयी नींद ये सोच कर……* *सरहद पर बहा वो खून मेरी नींद के लिए था…..!!
ख्त्म कर दी थी…. जिन्दगी की ……हर खुशियाँ ….तुम पर,….* *कभी फुर्सत मिले …..तो सोचना …..मोहब्बत किसने की थी……*
मेरी बरबादियों में तेरा हाथ है मगर……. में सबसे कह रहा हूँ ये मुकद्दर की बात है…
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