एक नशेड़ी नशे मैं औल फौल बकै था … एक जैंटलमैन सा पैहलवान उसतै आकै बोल्या :- रै तूं घरां जाकै चुप चाल्ला सोजा .. नातै ऐसा रैप्टा मारुंगा गाल का दर्द ना उटै तेरे पै …
नशेड़ी बोल्या … ओ पिलवान जी तूं जाकै सोजा … जे मारे तै मेरे दर्द होंदा तो मैं उस्से दन सुधर जांदा जब मेरे बाब्बू नै मैं नशे मैं देखकै पैहली बार छेतया था …