एक बंदे नै मीट की दुकान खोली अर बाहर बोरड पै लिख दिया ….
यंहा बकरे का ताजा मीट मिलता है
एक आया बोल्या … भाई आसपास और बी मीट की दुकान है के … ?
कसाई बोल्या … नां तो …
बोल्या फेर यंहा क्यों लिख रख्या वातो दिक्खण लग रया …
कसाई नै यंहा मिटा दिया … रै ग्या बकरे का ताजा मीट मिलता है
फेर एक आया … मुर्गा मच्छी बी बेचे करै के
… ना भाई
फेर बकरे का क्यों लिख राख्या … वा तो दिक्खणे लाग रया
बकरे का मेट दिया … रै ग्या ताजा मीट मिलता है
एक और आया … बासी मीट बी बेच्चे करै तीन चार दिनां का
बोल्या ना रै भाई
फेर ताजा क्यों लिख राख्या … लोग शक करैंगे
ताजा हटा दिया रै ग्या … मीट मिलता है
एक और हस्ती आई … भाई दाल सब्जी बी बेचे करै ?
ना यार दिखता नाके
फेर मीट मिलता है क्यों लिख राख्या … लोग आंधे हैं के
पूरे बोरड पैए पोच्छा मारकै बैठ ग्या
फेर एक महान शख्श आया अर बोल्या … भाई इतनी बड़ी दुकान खोल कै बैठ ग्या … बोरड बी है इसपै इतना ना लिख सकता …
यंहा पर बकरे का ताजा मीट मिलता है … 😏😏😏
कसाई नै बकरे का सींग बगाकै मारया साले कै