न्यू कवैं मां बाप की इज्जत करो … औरतां की इज्जत करो … बढे बुड्ढयां की इज्जत करो … छोरियां की इज्जत करो …

अरै सबकी इज्जत करो तो … वा के कए करैं सुसरी बेज्जती किसकी करैं , हमनै तो रोटी बी ना बढिया लागती जब तक दन मैं दो चार की नासां मैं तै धुम्मा ना लिकाड़ दैं उनकी बेज्जती करकै …

यार हरीयाणवी सां हम …

एक हल है या किसे नै ना कही अक छोट्टेयां की इज्जत करो … इब कल तै जड़ै बी कोई छोट्टा दिख्खै उसकी गुद्दी पै बेमतलब रैप्टा मार द्यो … 😂😂

मजाक था भाई आग्गै थारी मरजी .


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