Preet Singh Leave a comment पत्थर उठा के मारते हैं मेरे ही मुझको … दीवाना हो गया हूं मैं … देख के तुझको , तूं खुद भी खुद के जलवे से अंजान है शायद … तिरछी नजर से आइने में देख तो खुद को Copy