पत्थर उठा के मारते हैं मेरे ही मुझको …

दीवाना हो गया हूं मैं … देख के तुझको ,

तूं खुद भी खुद के जलवे से अंजान है शायद …

तिरछी नजर से आइने में देख तो खुद को


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