पुराने माणसां की बात ए नयारी सै …
म्हारे दादा का गोड्डा उतर ग्या … गाम आले डाक्टर धोरै लेगे … घणी हाण जोर लाकै बोल्या ::- भाई अपणे दादा तै बांध कै टांड पै चढ़ाकै रख द्यो या गोड्डा कोनि चढ़े करदा … 😏😏😏😏
गाड्डी मैं गेरकै शहर के हाड्डजोड़ पैलवान के आगै जाकै धर दिआ दादा … वा बी आधा घंटा घुल कै बोल्या ::- यार थम मेरे पै झौट्टा छत्त पै चढ़वा ल्यो या गोड्डा चढ़ाना मेरे बस की ना सै … 😬😬
फेर किसी नै एक हकीम का पता दिया … उसके आगै दादा टेक दिया … हकीम साब नै कोई पाइया तेल गोड्डे पै गेर दिया होगा …
गोड्डा सारा तेल पी ग्या … बेरा ना कद का जंग खा रया था …
हकीम साब छौ मैं आ ग्या … अक ऐसी तैसी करा ग्या गोड्डा मेरे तेल के पीसे द्यो …
डेड़़ सौ रपइए हकीम तै देकै दादा घर लिआए … घरां आकै दादा नै अपणे आप टांग तै दो झटके दिए …
अर ईब कुददा फिरै है … म्हारा दादा जिंदाबाद …


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