एक सात साल का छोरा अपणी माँ तै बुज्झण लाग्या … एरी माँ तूँ मन्नैं कित तै ल्याई थी ,

माँ बोली बेट्टा मन्नैं एक गत्ते के डब्बे मैं थोड़ा गुड़ अर पाणी गेर कै रख दिया … चार दिन बाद मन्नैं डब्बे मैं तूं पाया अर तूं मेरी औलाद बण ग्या ,

छोरे नै बी न्युए करी फेर चार दन बाद डब्बा खोल कै देख्या भित्तर एक कॉकरोच हांडै था … छोरा छौ मैं आकै बोल्या … साले जी तो करै तन्नैं ईबी चप्पल मार कै मार द्यूं , पर के करूं औलाद है तूं मेरी …


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