घराली बोली :- आप मन्नै चाँद ल्या कै दे सको हो …
मखा हट बावली या के बात करी … बोल कै मैं दूसरे कमरे मैं गया अर अपणा शेविंग आला सिस्सा ल्या कै उसतै पकड़ा दिया … या पकड़ …
सिस्सा हाथ मैं ले कै उसमैं देख कै उसकी आँख भर आई बोली :- आप मन्नै चाँद समझो हो …
मखा ओ गलत फहमी मेरा मतबल है अक जिस मुँह तै चाँद मांगरी है वा मुंह देख पहल्यां फेर बात कर …
भाई मुंह पै चपली मारणा या कैसा पत्नी धर्म है … अर ईब रोण बी लागरी मेरे कान्नी कड़वा कड़वा देख कै .