जरा तो शर्म करती तू पगली. मुहब्ब्त चुप चुप के और नफरत सरे आम.
इक बात बेखौफ मुझसे कहता है आईना , कभी आदमी अच्छे हुआ करते थे तुम भी …..
क्यों दुनिया वाले मोहब्बत को खुदा का दर्जा देते हैं मैंने तो आज तक नहीं सुना खुदा ने बेवफाई की Continue Reading..
अपनी पहचान का तुझसे हवाला चाहु कितना पागल हूँ जो अँधेरे से उजाला चाहु
Pyaar mein ya hospital main sab ye hi swaal puchte hai serious to nhi
बन्दा खुद की नज़र में सही होना चाहिए… दुनिया तो साली भगवान से भी दुखी है |
नदी बहती थी मौहब्बत की हम दोनो के दरमिंया…. तुम तैर कर बाहर आ गये…और हम आज तक उसमें डूबे Continue Reading..
हम ने मोहब्बत के नशे में आ कर उसे खुदा बना डाला, होश तब आया जब उस ने कहा कि Continue Reading..
Aa kuch likhdu tere bare meIN, Tu bhi dhundhti hogi khud ko mere Lafzon meIN
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