स्कूल तो बचपन मैं जाते थे अब तो बस ज़िन्दगी सिखाती है
जनवरी से तुम्हें खुशियाँ मिली क्या यारो, मैं तो अब भी तन्हा हूँ दिसंबर की तरह !!
~Chalo Accha Hua Ke Dhund Parney Lagi, Warna Dur Tak Takti Thi Niighein Raah Terii .. ‘
Tu ek bhi baar humse mili nahi warna, Tere hi dil ko tere hi khilaaf kar dete..!!
इतनी बेरुखी ना करो कुछ तो रहम करो, तुम पर मरते हैँ तो क्या मार ही डालोगे…
धडकनों को कुछ तो काबू में कर ए दिल अभी तो पलकें झुकाई है मुस्कुराना अभी बाकी है उनका.
Yeh Jo Tum Ho Tum Hii Bakii Ho Mujh Meiin, Kay Woh Jo Hum Thay Mar Gaey Tum Pey ..
हम पर जो गुजरी है, तुम क्या सुन पाओगे, नाजुक सा दिल रखते हो, रोने लग जाओगे !
तमन्ना थी सदा जिनके करीब रहने की अब खुद ही उनसे बहुत दूर हुए जा रहा हूँ।
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