साँस तो लेने दिया करो… आँख खुलते ही याद आ जाते हो..
नही हो सकती ये महौब्बत तेरे सिवा किसी और से… बस इतनी सी ही बात है…समजते क्यों नही..
वो फिर से लौट आये थे मेरी जिंदगी में’ “अपने मतलब” के लिये, और हम सोचते रहे की हमारी दुआ Continue Reading..
मेरे कंधे पर कुछ यूँ गिरे तेरे आंसू, कि सस्ती सी कमीज़ अनमोल हो गयी.!!
जाने कब आँख लगी, यादों के दीये जलते रहे, रोशनी घुलती रही, ख्वाबों में तेरी महक आई है !
बस एक चेहरे ने तन्हा कर दिया हमे वरना हम खुद महफिल हुआ करते थे
मेरे ख़िलाफ़ बातें बड़ी ख़ामोशी से सुनता हूँ मैं, मैंने जवाब की ज़िमेदारी वक़्त को दे रखी है l
दिलबर मेरे कब तक मुझे ऐसे ही तडपाओगे, एक कान के नीचे लगा दूंगा तो पल में सुधर जाओगे !!
सिलसिला ये चाहत का दोनो तरफ से था, वो मेरी जान चाहती थी और मैं जान से ज्यादा उसे।
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