बेवफाई तो सभी कर लेते है जानेमन ,
तू तो समझदार थी कुछ तो नया करती
~देख जिँदगी तू हमे रुलाना छोड दे अगर हम खफा हूऐ तो तूझे छोड देँगे
एक तरफ आँखें है जिनमें नीदें भरी है… दूजी पलकें है जो इंतजार की जिद पे अडी है
अनपढ़ लोगो की वजह से ही हमारी मातृभाषा बची हुई हैं साहब वरना पढ़े हुए कुछ लोग तो राम राम Continue Reading..
ये सोच के नज़रें मिलाता ही नहीं कि आँखें कहीं ज़ज्बात का इज़हार न कर दें :))
तख्तो-ताज की चिँता तो बादशाहो को होती है . हम तो अपनी रियासते अपने साथ लेकर घुमते है
*बेनाम ही रख ले अपना रिश्ता……* *नाम देंगे तो दुनिया बदनाम कर देगी…..!!*
वो किताबों में दर्ज था ही नहीं, सिखाया जो सबक ज़िंदगी ने !!
-Mujhey Ab Farq Nahi Parta , Tumhare Badal Janey Sey .. ‘
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