Preet Singh Leave a comment वो फ़र्श की धूल पे पड़े चंद पैरों के निशान वो चाय के दो सूखे कप वो ख़ामोश दाल के सूखे बर्तन वो सूखी पड़ी चाय की पत्ती से भरी बेजान छन्नी. इसका अर्थ है कि.. आज 👩🍳कामवाली नहीं आई हर समय गुलज़ार साहब ही नहीं आते!! Copy