“सूखे हुए दरिया से इक नाव लगी कहने, अपना भी जाने अब किस बात से रिश्ता है
लाख दिये जलाले अपनी गली मे.. मगर रोशनी तो हमारे आने से ही होगी.
क्या देते किसी को मुस्कुराहट हम अपने आँखों से ज़ार ज़ार थे… क्या देते किसी को ज़िन्दगी का तोहफा हम Continue Reading..
~Woh Bole Mohabbat Ka Sagar Bohat Gehra Haii, Hum Ne Kaha Doobny Wale Kabhi Socha Nahi Kartey .. ‘
Pehli mulaqat thi aur hum dono hi bebas the, wo zulfien na sambhal sake aur hum khud ko..!!
तुम दूर हो या पास फर्क किसे पड़ता है, तू जँहा भी रहे तेरा दिल तो यँही रहता है..
कहता है इबादत करता हूँ पर दिल की जगह जुबा से काम लेता हूँ
-Ab Rakhna Mera Khayal Umer Bhar K Liiye, Maine Thama Haii Tumhara Hath Bary Maan K Saath .. ‘
Darta hoon kehne se ke mohabbat hai tumse, Meri zindagi badal de ga, tera iqrar bhi, inkaar bhi
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