सारी उम्र मैं जोकर सा बना रहा, तेरे पीछे जिंदगी सर्कस हो गयी।
वो ना ही मिलते तो अच्छा था… बेकार में मोह्हबत से नफ़रत हो गयी
~ Bary Sukoon Se Rehtey Ho Aj Kal Mere Bina, Jaise Kisi Uljhan Se Chutkara Mil Gaya Ho ..
मेरा “मैं” हरपल “हम” में बदलता रहा… और तुम बे-परवाह “तुम” में ही रही…
Bin Mangay Hi Mil Jati Hain Tabeerain Kisi Ko, Koi Khali Hath Rah Jata Hain Hazaroon Duaoon Ka Baad
इतनी उदास न हो, ऐ जिन्दगी खोते वही हैं, जो कुछ पाने की तमन्ना रखते हैं |
-Hamarey Aitbaar Ki Hadd Poochtey Ho Toh Suno Tum’Neh Din Ko Raat Kaha Aur Hum So Gey .. ‘
*खुद बीमार होकर भी पूछती है तबीयत मेरी…* *माँ कमजोर है थोड़ी लेकिन मजबूत बड़ी है
मेरे लफ्जो से मत कर मेरे किरदार का फैसला . तेरा वजूद मिट जाएगा मेरी हकीकत ढुढते ढुढते ණ™
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