गिला बनता ही नहीं बेरुखी का, दिल ही तो है, भर गया होगा।
~ Suna Hai Tum Mohabbat Nahi Kartey , Yaqeen Jano Kmaal Kartey Ho .. ^
उसने कहा की, ख़्वाब में आने का वक़्त दो.. मैंने कहा की, नींद का मौसम गुज़र गया.!
Roj kehti hun bhul jaungi use, magar na jane kyun yeh baat roj bhul jati hun..!!
इन्तज़ार के लम्हे भी कितने अजीब होते हैं… सीने की जगह आँखों में दिल धड़कता है !!
बहुत दिन हो गए ‘मुहब्बत’ लफ्ज़ सुन सुनकर मुझे…. कल ‘बेवफ़ा’ सुना तो तरी बहुत याद आई मुझे….
अगर किसी की उसकी औकात से ज्यादा इज्जत करलो, तो वो खुद को तुम्हारा बाप समझने लगता है !!
~Dhoka Deti Hai Masoom Chehron Ki Chamak Aksar, Har Kaanch K Tukray Ko Heera Nahi Kehte .. ^
लोग तो वही रहते है बस वक्त के साथ उनका बर्ताव बदल जाता है
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