वो सामने आये तो अज़ब तमाशा हुआ;
हर शिकायत ने जैसे ख़ुदकुशी कर ली।
~Izhar’E-Ishq Me Aiisa Hua Kuch Wo, Dil Ka Haqdaar To Hua Lekin Mera Naa Hua .. ‘
किसी और का हाथ कैसे थाम लूँ…. वो तन्हा मिल गयी कभी तो क्या जवाब दूँगा…..!!
अब इतना भी सादगी का ज़माना नहीं रहा …!! क़े तुम वक़्त गुज़ारो और, हम प्यार समझें,
मेरे बारे में अपनी सोच को थोड़ा बदलकर देख, मुझसे भी बुरे हैं लोग तू घर से निकलकर देख…!
Toot Jata Hai Raabta khud Say Tujh Say Jab Raabta Nahi Hota.
जिनके मिलते ही… ज़िन्दगी में ख़ुशी मिल जाती है … वो लोग जाने क्यों… ज़िन्दगी में कम मिला करते है…!!
Kya mila unko hamari duniya chhod kar, Khud bhi tanha reh gaye humein tanha chord kar.
वो भी आधी रात को निकलता है और मैं भी, फिर क्यों उसे “चाँद” और मुझे “आवारा” कहते हैं
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