गुरूजी: बताओ “घरबार” किसे कहते हैं, एक पति के जीवन में इसके महत्व की विवेचना करो…!
छात्र: गुरु जी “घरबार” का एक पति के जीवन में बड़ा महत्व है…! “घर” में पत्नी द्वारा उत्पन्न किये गए उत्पात और तनाव से मुक्त होने हेतु पति “घर” से “बार” में चला जाता है और “बार” में ज्यादा चढ़ जाने पर “बार” से “घर” आ जाता है…! “घर” और “बार” के इस चक्र को ही “घरबार” कहते हैं…!
गुरुजी तीन दिन से बेहोश हैं…!