आप बिलकुल भी नहीं बदले।वैसे के वैसे ही भोले-भाले,
वैसे ही शान्त,एकदम पहले जैसे ही हैं।”
पति भी भावुक हो कर बोल उठा :-
जो रहीम उत्तम प्रकृति,का करि सकत कुसंग l
चन्दन विष व्यापत नहीं, लिपटे रहत भुजंग ll
पत्नी :- भावार्थ समझाओ
पति :- रहीम जी कहते हैं कि जिस प्रकार साँप के लिपटे रहने से भी चन्दन के पेड़ पर विष का असर नही होता, ठीक उसी तरह उत्तम प्रकृति के मनुष्य पर कुसंगति का असर नहीं होता।
पति के 2 दाँत 4 फ़ुट दूर जा गिरे ।