एक सिंधी उसकी बीबी एक मेले में पहुंचे !*
*वहां उन्हे एक प्लेन वाला दिखा*
*जो एक राइड के दो हजार रुपये ले रहा था !*
*प्लेन को हवा में वह कलाबाजियां खिलाता और घुमा-फिरा कर वापस लेकर आता था !*
*सिंधी बीबी की बडी़ इच्छा थी कि कभी उसे प्लेन की एडवेंचरस राइड करने का मौका मिले !*
*जानती थी कि उसका पति एक नंबर का कंजूस है*
*लेकिन ऐसा मौका वो खोना नहीं चाहती थी सो उसने अपने पति से अपनी इच्छा बताई !*
*अनुमान के मुताबिक सिंधी ़ने मना कर दिया और बोला :- ” भले ही ये तुम्हारी बडी़ इच्छा है प्लेन में घूमने की लेकिन दो हजार रुपये आखिर दो हजार रुपये होते हैं !”*
*इसके बाद हर साल वे दोनों उस मेले में घूमने जाते*
*समय बीता सिंधी की बीबी अब 65 साल की वृद्ध हो गयी थी*
*और चाहती थी*
*कि इस साल के मेले में उसका पति उसकी इच्छा पूरी कर दे*
*तो उसने इस बार कुछ ज्यादा ही जोर देते हुए प्रार्थना की :- ” देखो अब तो मेरी उमर हो चली है,*
*क्या पता अगले साल मैं इस मेले में आ पाती हूं या नहीं, कम से कम इस साल तो मेरी इच्छा पूरी कर दो !”*
*लेकिन सिंधी का वही जबाब था :- ” दो हजार रुपये आखिर दो हजार रुपये होते हैं !”*
*किस्मत से उनकी ये बातचीत प्लेन के पायलट ने सुनली*
*और उन्हे अपने पास बुलाकर बोला :- ” मैं आप को इस प्लेन की राइड फ्री में करा सकता हूं*
*लेकिन मेरी एक शर्त है कि इस राइड के दौरान आप दोनो में से किसी के मुंह से जरा सी भी आवाज नहीं आनी चाहिये,*
*अगर आप दोनो में से कोई भी बोला तो आपको दो हजार रुपये देने होंगे !”*
*सिंधी तैयार हो गया ! दोनो प्लेन पर चढे़ !*
*पायलट भी बदमाश था उसने प्लेन को जोरदार कलाबाजियां खिलाई*
*और प्लेन उडा़ने की अपनी सारी कलाकारी दिखाई*
*लेकिन दोनो के मुंह से एक आह भी न निकलवा सका !*
*धरती पर लौटते ही पायलट सिंधी से बोला :- ” आपके अंदर गजब की हिम्मत है,*
*वरना प्लेन की इतनी कलाबाजियों के बाद तो अच्छे-अच्छे जवानों के मुंह से चिल्लाहट निकल जाती है ! “*
*सिंधी बोला :- ” एक बार को तो मैं सोच रहा था कि चिल्लाके आपको बता दूं*
*कि मेरी बीबी प्लेन से नीचे गिर गई है लेकिन फिर ये सोचकर चुप रह गया कि*
*दो हजार रुपये आखिर दो हजार रुपये होते हैं ! “*