~Woh Ek Shakhs Zindagi Jaisa, Aur Woh Hii Merii Zindagi Mein Nahi ..’
ye dil bhi kiya ajeeb cheez hai… wahan hi jhukta hai jahan qadar nahi hoti
जब भी देखती है मुझे, नज़रें झुका लेती है वो, खुदा का शुक्र है, हमें पहचान तो लेती है वो।
कमाल की तक़दीर पाई होगी उस शॅक्स ने जिसने तुझसे मोहोब्बत भी ना की हो और तुझे पा लेगा..
दोपहर तक बिक गया बाजार का हर एक झूठ , और मैं एक सच लेकर शाम तक बैठा
“”कुछ तो रहम कर ए-संग दिल सनम, इतना तङपना तो लकीरों मे भी न था..
अजीब सी नींद मेरे नसीब में लिखी हे …. पलके बंद होती हे तो दिल जाग जाता हे
यूँ बार बार निहारती हो आईना, ख़ूबसूरती पे गुमान है.. या शक।
रोना ही है ज़िन्दगी तो हँसाया क्यो.. जाना था दूर तो नज़दीक़ आया ही कयो
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