~Kitnii Dilkash Hai Us Ki Khamoshii, Sarii Bateiin Fazool Hon Jaiise .. ‘
हजार टुकड़े कर दिए उसने मेरे दिल के।।। फिर वो खुद रो पड़ी,,हर टुकड़े पर अपना नाम देख कर।।
शांखो से टूट जाये वो पत्ते नही हे हम , इन आंधीयों से केहदो जरा अपनी औकात में रहे ।
मोहब्बत तो दिल से की थी, दिमाग उसने लगा लिया। दिल तोड़ दिया मेरा उसने और इल्जाम मुझ पर लगा Continue Reading..
Ek sukun or ek tum Pta nhi Kahn gum ho jate ho
कितना समेटे खुद को बार बार, टूट के बिखरने की भी सीमा होती है ||
हवा के झोंके से पुछता हूं हाल उनका शायद वो उनके शहर से गुजरा हो
स्कूल तो बचपन मैं जाते थे अब तो बस ज़िन्दगी सिखाती है
Uske Har Sapne Ko Puraa Karne Ki Zidd Thi Meri, Usney Aazadi Mangi Aur Mainey Khud Ko Mittaa Diyaa…!!!
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