शब्द “दिल” से निकलते हैं… “दिमाग”से तो उसके मतलब निकलते हैं…
मेरे विचार से झूठा वादा करने से विनम्र इन्कार करना अच्छा है
Yeh Aansuon Kii Zaqat Mujh Pey Hi Kyu, Woh Bhii Toh Kuch Adaa Karey Mohabbat Usey Bhii Thii ..
कभी वक्त निकाल के हमसे बातें करके देखना.. हम भी बहुत जल्दी बातों मे आ जाते है…
वो बोलते रहे हम सुनते रहे, जवाब आँखों में था वो जुबान में ढूंढते रहे.
आज मैंने दिल को थोड़ा साफ़ किया,❤ कुछ को भूला दिया, कुछ को माफ़ किया!!
मेरी एक छोटी सी बात मान लो, लंबा सफर है फकीरा हाथ थाम लो…
अभी गुमनाम हूँ तो फासला बना रखा है, कल.. मशहूर हो जाऊं तो कोई रिश्ता मत निकाल लेना !
-Unse Kehdo Hamarii Sazza Kuch Kam Kardey, Hum Mujrim Nahii Bas Galti Se Ishq Hua Haii .. ‘
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