क्यूँ सताते हो.. हमे बेगानो की तरह.. कभी तो चाहो.. चाहने वालों की तरह..
अजीब ज़ुल्म करती हैं तेरे यादें मुझ पर सो जायूं तो उठा देती हैं उठ जायूं तो रुला देती हैं
ज़िन्दगी आखिरकार रुला ही देती है… जनाब ….. फिर चाहे हम माँ बाप के कितने ही लाड़ले क्यूं ना हो…
मुलाकातेँ जरुरी है अगर रिशते बचाना है लगाकर भुल जाने पर तो पोधै भी सुख जाते है
Mere Sath Mukhlis Na Woh Thi Kabhi Na Hain Abhi Nahi Hony Kabhi,,, ~~ ~~ ~~ Fazool Hai Un Se Continue Reading..
पगली तू बात करने का मौका तो दे .. कसम से कहता हु…. रूला देंगे तुझे तेरे ही सितम गिनाते Continue Reading..
तुम माचिस की तीलियों से खेलते रहे…. बिना ये जाने, की दिल मेरा कागज़ का था….
“Aaj rone ko dil karta hai, sab bhool jane ko dil karta hai. Ye duniya satati hai uske naam se, Continue Reading..
उसे लगता है की उसकी चालाकियाँ मुझे समझ नही आती मै बड़ी खामोशी से देखता हु उसको अपनी नजर से Continue Reading..
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क्यूँ सताते हो..
हमे बेगानो की तरह..
कभी तो चाहो..
चाहने वालों की तरह..