थोड़ी कड़वी लागैगी … छोह मैं मतना आइओ …
म्हारे देस मैं घणखरी छोरियां स्कूल कॉलेज मैं ऐडवांस पणे का रोला करैं अक हमनै कुछ भी बोलण की अजादी चइए , कुछ बी पहरण की अजादी चइए , कंही बी अकेले आण जाण की अजादी चइए , किसी के साथ बी कैसा बी सबंध बणान की अजादी चइए …
अर याए छोरियां ब्याह पाच्छै अपणे पति का मोबाइल तो के जुराब तक सूंघ मारै अक कित कित गया था अर किस किस तै मिलया था आज सारा दिन .