एक सुखी पति था………….. * * * * * * * * * * जाँच चल रही है किसका था।
बेवफाई तो सभी कर लेते है जानेमन , तू तो समझदार थी कुछ तो नया करती
Maine Uss Shakhs Ko Kabhi Hasil He Nahi Kiya…. Phir B Har Lamha Lagta Ha Maine Use Kho Diya….!!
यूँ तो मुझे झूठ से सख्त नफरत थी, लेकिन अच्छा लगता था जब वो मुझे “जान” कहा करती थी..
अक्ल कहती है, ना जा कूचा-ए-क़ातिल की तरफ; सरफ़रोशी की हवस कहती है चल क्या होगा।
समजने समजाने मे ही गुजर गई तू,😓 ए जिन्दगी तूजे एकबार भी जी न पाए हम.
-Terii Qurbat Nahii Haasil Toh Na Sahii, Tera Khyaal Har Waqt Mere Saath Rehta Haii .. ‘
*यहां लोग अपनी गलती नहीं मानते* *किसी को अपना कैसे मानेंगे…
रोना ही है ज़िन्दगी तो हँसाया क्यो.. जाना था दूर तो नज़दीक़ आया ही कयो
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