हवा के झोंके से पुछता हूं हाल उनका शायद वो उनके शहर से गुजरा हो
-Udaas Dil Aur Nam Ankhein, Bas Yahii Miilta Haii Mohabbat Meiin .. ‘
मुमकिन नहीं है हर रोज मोहब्बत के नए किस्से लिखना, मेरे दोस्तों अब मेरे बिना अपनी महफ़िल सजाना सीख लो।
हजारों अश्क़ मेरी आँखों की हिरासत में थे, फिर उसकी याद आई और इन्हें जमानत मिल गई
वो मेरी होगी तो लौट आएगी एक दिन मेरे पास, हम जिसे प्यार करते है उसे कैद नहीं करते !!
जो मेरी आँखो मे पलको पे रहता था, आज काजल लगाया तो बहुत याद आया।
उड़ा भी दो रंजिशें, इन हवाओं में यारो…. छोटी सी जिंदगी हे, नफ़रत कब तक करोगे !
यूँ तो कोई शिकायत नहीं मुझे तेरे आज से, मगर कभी – कभी बिता हुआ कल याद आता है..
कुछ अज़नबी लोग पहले अपना बनाते है! फिर अपना बनाकर छोड़ जाते है !
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