में अब वो आँशु बहा रहा हूँ जो मेरी किस्मत में लिखे नही थे
मैं आपकी नज़रों से नज़र चुरा लेना चाहता हूँ, देखने की हसरत है बस देखते रहना चाहता हूँ
कभी उनकी भी कदर करके देखो… . . . जो तुमसे बिना मतलब के प्यार करते हैं..
रोना ही है ज़िन्दगी तो हँसाया क्यो.. जाना था दूर तो नज़दीक़ आया ही कयो
खुदा कि बंदगी कुछ अधुरी रह गयी, तभी तेरे मेरे बीच ये दूरी रह गयी.
कोई वकालत नही जलती जमीन वालो की, जब कोई फैसला आसमान से उतरता है
कहता है इबादत करता हूँ पर दिल की जगह जुबा से काम लेता हूँ
इंतेजार भी कितनी अजीब चीज हे ना खुद करे तो, गुस्सा आता है, और.. दूसरा कोई करे तो अच्छा लगता Continue Reading..
रिश्तों के दलदल से, कैसे निकलेंगे जब हर साज़िश के पीछे, अपने निकलेंगे!
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