वो बड़े घर की थी साहब, . छोटे से दिल में कैसे रहती.
छोड़ भी दूँ तो कैसे, मै फ़्लर्ट करना… किसी की जान बसती है, फ़्लर्ट में मेरी.
छोटा सा सपना है मेरा, जो रोटी में खाऊ वो तू बनाये..
छोड़ना आसान होता है लेकिन भूलना नही
~Unka Ishq Chaand Jaisa Tha .. Poora Hua Toh Ghatne Lga .. ‘
~Khushiya Toh Taqdeer Meiin Honi Chahiye, Tasver Meiin Toh Har Koi Muskurata Haii .. ‘
स्कूल की बस रोज़ सुबह इमारत के नीचे हॉर्न बजाती है …. . . यूं लगता है जैसे…. ज़िन्दगी वापस Continue Reading..
फ़िक्र तो तेरी आज भी है.. बस .. जिक्र का हक नही रहा।
क्यों याद करेगा कोई बेवजह मुझे ऐ खुदा , लोग तो बेवजह तुम्हे भी याद नहीं करते !!”
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