कितना अच्छा होता…तुम जो मतलबी होते… और तुम्हें सिर्फ….मुझसे ही मतलब होता…
हम वही हैं बस ज़रा सा ठिकाना बदल दिया है आजकल तेरे दिल से निकल कर अब अपनी औक़ात में Continue Reading..
लाख दिये जलाले अपनी गली मे.. मगर रोशनी तो हमारे आने से ही होगी.
मेरे साथ बिताए लम्हो की याद जरा सम्भाल कर रखना . क्योकि हम याद तो आएगे मगर लौटकर नही
Yani tarteeb e sitam ka b salika tha usy… Us ne pathar b uthaya mujhe pagal kar k…
कलम में जोर जितना है जुदाई की बदौलत है… मिलने के बाद लिखने वाले लिखना छोड़ देते है…
-Guzarr Geya Aj Ka Din Bhii Yoon’Hii Be’Wajah Naah Mujhe Fursat Milii Naah Usee Khayal Aaya .. ‘
तेरे चेहरे पे ये शिकन हमें मंजूर नही…!!! . . सुनों तुम खुश रहा करो मैं रहूँ न रहूँ…!!
पत्थर को लोग इसलिए पूजते हैं क्योंकि विश्वास करने लायक इंसान नहीं मिलता।
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