किसी से कुछ नही कहूंगा में देख लेना एक दिन यूँही मर जाऊंगा में
पानी फेर दो इन पन्नों पे, ताकी धुल जाये स्याही सारी.. जिन्दगी फिर से लिखने का मन होता है कभी-कभी..!!
वो आईनें मे देख रहे थे, बहारे हुस्न ॥ आया मेरा ख्याल तो शरमा के रह गये ॥
वक़्त भी लेता है करवटे ना जाने क्या क्या … उमर इतनी तो नही थी जितने सबक सीख लिये हमने
~ बड़ा अजीब सा जहर था उसकी यादों का सारी उम्र गुजर गयी मरते – मरते .. ^
हम सादगी में झुक क्या गए , तुमने तो हमे गिरा हुआ ही समझ लिया
*खामोशी से बनाते रहो पहचान अपनी..* *हवाएँ ख़ुद गुनगुनाएगी नाम तुम्हारा..!!*
यार वो लम्हा भी कितना खास होगा…. जब तू सिर्फ और सिर्फ मेरे साथ होगा..!!
दुनियां वाले कहते हैं दिल लगाना छोड़ दो…… लेकिन उस भगवान को क्यु नहीं कहते कि वो हि दिल बनाना Continue Reading..
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