मुझे फर्क नहीं पता अपनो और गैरो का, हर कोई हँसा है मुझे रोता देखकर
Ye Bary Dukh Ki Bat Hai K Ab Hamara Aik Dusray K Dukh Se Koi Wasta Nahi Raha Hai…
बुरी आदतें अगर वक़्त पे ना बदलीं जायें, तो वो आदतें आपका वक़्त बदल देती हैं…
तेवर तो हम वक्त आने पर दिखायेँगेँ.. शहर तुम खरीद लो हूकूमत हम चलायेँगेँ
‘ज़िन्दगी में ज़िन्दगी से हर चीज़ मिली, मगर उनके बाद ज़िन्दगी न मिली !!’
जाते उसने पलटकर इतना ही कहा मुझसे मेरी बेवफाई से ही मर जाओगे या मार के जाऊँ”
अगर बेवफाओं की अलग ही दुनिया होती तो, मेरे वाली…कमीनी…वहाँ की रानी होती
-Unhe Jhooth Bolney Ki Aadat Thii, Aur Humeiin Yaqeen Karney Ki .. ‘
इतनी उदास न हो, ऐ जिन्दगी खोते वही हैं, जो कुछ पाने की तमन्ना रखते हैं.
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