आज तक कायम है उसके लौट आने की उम्मीद आज तक ठहरी है जिंदगी अपनी जगह
बहुत भीड़ हो गयी है तेरे दिल में, अच्छा हुआ हम वक़्त पर निकल गए
हमने लिया सिर्फ होंठों से जो तेरा नाम.. दिल होंठो से उलझ पड़ा कि ये सिर्फ मेरा है !!
meri umar tere khayal me gujri !!!… aur mera khayal tumhe umar bhar na aaya..
जब दो लोगों के बीच तीसरा इंसान आ जाता है…. तो दूरियां अपने आप बढ़ जाती हैं !!!!
छोड़ तो सकता हूँ मगर छोड़ नहीं पाता उसे, वो शख्स मेरी बिगड़ी हुई आदत की तरह है.. …
हमने कहाँ आज कुछ मीठा बनाओ उन्होंने ऊगली अपने होठो पर रख दी !
ना जाने कैसा रिश्ता है इस दिल का तुझसे.. धड़कना भूल सकता है पर तेरा नाम नही
~ Aazmaate Hai Log Sabr Mera .. Baar Baar Zikr Kr K Tera .. ^
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