चलो मंजूर है तेरी बेरुखी मुझको बस इतना करो कि बेवफा मत होना
हमारी तलाश, तेरी लाश पे आके खत्म होगी..
मोहब्बत सिर्फ मोहब्बत चाहती है, किसीकी महेरबानी नहीं !!
अंत में लिखी है दोनों की बर्बादी, आशिक़ हो या हो आतंकवादी.
! वो अब भी आती है ख्वाबों में मेरे.. ये देखने की मैं उसे भूला तो नहीं…..!!
~Kheench Letii Haii Mujhe Unkii Mohabbat Har Bar, Warna Bohat Baar Mile The Unse Akhir Bar .. ‘
आँखों के अंदाज़ बदल जाते हैं जब कभी हम उनके सामने जाते हैं
क्यों याद करेगा कोई बेवजह मुझे ऐ खुदा , लोग तो बेवजह तुम्हे भी याद नहीं करते !!”
~Jaley Ka Ilaaz Burnol Se .. Jealousy Ka Ilaaz Chitrol Se .. ^
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