हम गुम थे एक खयाल में इस कदर खुद को ढूंढने का वक्त ही नहीं मिला
मैं सिर्फ तेरा साथ निभाने के लिए जिंदा हूं सांसे रुक गई हैं धडकने सुनाने के लिए जिंदा हूं
ये दुनियाँ के तमाम चेहरे तुम्हें गुमराह कर देंगें.. तुम बस मेरे दिल में रहो, यहाँ कोई आता जाता नहीं
हजारो बार ली हैं तलाशियाँ तुमने मेरे दिल
हर ख़ता माफ़ कर दुंगा सिर्फ इतना बता दे, . क़ि तुमने मुहब्बत के लिये मुझे ही क्यों चुना
किसी को प्यार करो तो इतना करों की उसे जब भी प्यार मिलें… तो तुम याद आओ….
~Woh Bole Mohabbat Ka Sagar Bohat Gehra Haii, Hum Ne Kaha Doobny Wale Kabhi Socha Nahi Kartey .. ‘
वो किताबों में दर्ज था ही नहीं, सिखाया जो सबक ज़िंदगी ने !!
कितना समेटे खुद को बार बार, टूट के बिखरने की भी सीमा होती है ||
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